"slumdog Millionaire" नाम से दुःख
क्या ऑस्कर पाने के लिए देश,समाज,धर्म, संस्कृति और अपनों को गाली देना जरूरी हे
आज के दोर में गरीब समाज अलग-अलग नाम से जाना जाता है . किसलिए सिर्फ़ गरीब का रोज नया नामकरण होता है ? कभी गिरिजन, हरिजन, दलित, उपेक्चित,
वंचित , अछूत . कब तक इज्जत उतरवा कर अमीर का मनोरंजन करता रहेगा यह
समाज ? आज राज्नेतिकों की पहली पसंद है यह , फिल्मकारों के लिए है यह एक आकर्षक
मुद्दा. कियोंकी ऐसे नाम रखने से कोई इनके ख़िलाफ़ कोर्ट जाएगा और इनको आराम से
प्रसिद्दि मिल जायेगी ऐसी गन्दी सोच को बढावा हमारा सेंसर बोर्ड भी दे रहा है. इस
फ़िल्म को अनुमति देने का मतलब है की इस बोर्ड की आत्मा मर चुकी है उसमे सोचने समझने की भी ताकत नही बची है , और इस बोर्ड में कोई भी इस समाज की चिंता करने वाला नही है।
इस सब के पीछे कारण है सरकार की लापरवाही और अनदेखी. जिसके लिए सिर्फ़ हम जिम्मेवार हैं??????????ऐसी दशा मैं एक बार फ़िर भगवन ही भला करे जो कभी नही करता पर
उम्मीद है. इस प्रकार के नाम से अमीर समाज का छोटा बच्चा अपने मस्तिष्क में एक
धरना बना लेगा की गरीब झोपडी में रहने वाला कुत्ता होता हे और गरीब बेचारा इस
नए नामकरण के लिए लड़ता रहेगा जैसे गरीब दलित सदियों से लड़ता आ रहा हे .इस
नाम पर तुंरत रोक लगनी चाहिए।
मेरा सभी देशवासियों से अनुरोध हे की इस फ़िल्म का विरोध देश भर में करें। हमारी संस्था कर्तव्यबोध १८ जनवरी २००९ से गाजियाबाद में काफी बड़े पैमाने पर विरोध कर रही हे.
इस फ़िल्म का निर्माता ब्रिटेन का डैनी बायल हे। विदेशियों की मानसिकता हमेशा भारत को नीचा दिखाने की रहती हे। जब भी कोई विदेशी इनाम पाना चाहता हे वो लग जाता हे देवी देवताओं के नंगे फोटो बनाने में, या धरम के बारे में अनाप शनाप लिखने में.
जय भीम, जय भारत, भारत माता की जय.
शांत प्रकाश(जाटव)
279,ज्ञान खंड-1, इंदिरा पुरम,गाजिआबाद -201012,
उत्तर प्रदेश, भारत, मोबाइल-09871952799
email- shant@mail.com , shantbjp@mail.com
2-yes,i agree with you . All saying My great India but u c in reality we find nothing only white lie. Is desh ka kuch nahi ho sakata hai. Because is desh ke deshwashio me koi bhi feeling nahi hai they feel shame if they speak Hindi. they feel proud to be english Here we love to be slave and the reason very easy to adopt others cultures & lifestyles. Becuase they have nothing in their blood & heart for their country & people.Aur yaha Jo bhi kurshi paa jaata wo wohi sochta how to sell country to get my instant profit & benefits. with this thought, All who come in power start selling country & their people in negative way because negative way is the best way to get the instant profit to him & his family and those they care.Because all are very damn stupid they dont know what will be long prospect for their people & their family I am sure they would be badly affected in long term.yeh desh gadho se bhara hai purush se nahi. is desh me kisi ne kya kiya same infrastructer hum log aaj bhi use kar rahe hai jo britisher hame de ke gaye hai. britisher ne kuch diya hai hum logo ko otherwise we would have seen india in 25 parts they came here and tought us to unite to have 1 india.Is desh me log ko paata hai cheating & looting. Now all rich indian will be feeling proud once oscar come by this film.
ReplyDeleteExhibition of not only Garibh samaj but also picture of garib India & indian race live in Kachraaas(under slum having such feeling till death.)shasi shasi, gpta74@hotmail.com
इन तमाम समस्याओं की एक ही समाधान है की इस समाज के लोग स्वेच्छासे सावित्री एरा धर्म में शामिल हों और दिल में कोई भी नीच भावना को स्थान न दें.
ReplyDeleteबड़ा सरल और युक्तिपूर्ण उपाय.
धन्यवाद और सुभेच्छा.
तुषार
Dear Shant prakash,
ReplyDeleteyes I agree with you. India needs again a big revolution to correct all & put in perfect place.
Bahut gadbad hai yaha sab neta aate apna ghar bhar lete aur paresan hote medium & poor log
"Suvesh Vishnoi" vsuvesh@yahoo.com
I totally agree with you..
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