प्रेस विज्ञप्ति
माननिये संपादक महोदय,नमस्कार
मैं आपके माध्यम से बहन मायावती जी से नोयडा आगमन व् पार्क उद्घाटन पर यह जानना चाहता हूँ की
अगर इन कार्यों पर मुख्यमंत्री जी ध्यान दे दिया होता तो आपकी मूर्ति पार्कों में नहीं लोगों के ह्रदय में वास करती !
- अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आवंटित विशेष घटक योजना का पैसा पार्कों के निर्माण में क्यों लगाया गया ?
- छात्रवृतिओं के लिए आवंटित पैसा पार्कों में क्यों लगाया गया ?
- पार्कों में पत्थर लगाने का भाव 400 /- प्रति वर्ग फूट के स्थान पर 4000 /- प्रति वर्ग फूट क्यों दिया गया ?
- भट्टा परसोल व् आसपास के भूमि अधिग्रहण के मामले में जमींदार किसान से जमीन लेकर थोडा बहुत मुआवजा दे दिया परन्तु जो परिवार उन खेतों से जुड़े सभी कार्य करके अपने परिवारों का भरण पोषण करते थे जिनमें अधिकांश दलित वर्ग से थे उनके बारे में सूबे की दलित मुखिया नें क्यों आंखे मूँद ली ?
- शराब की खुदरा खरीद पर प्रति बोतल अंकित मूल्य से 20 रूपए से 40 रूपए अधिक क्यों वसूला जाता है ?
- बुंदेलखंड में रेती के ट्रक से 5100 रूपए वसूल कर 2100 रूपए की रसीद क्यों दी जाती है ?
- नरेगा योजना हेतु केंद्र से 6401 करोड़ रूपए आवंटित हुए जिसमें 10 प्रतिशत राशि प्रदेश सरकार नें मिलाकर योजना को पूर्ण करना था परन्तु अपना पैसा मिलाना तो दूर 2070 करोड़ रूपए का खर्चा अन्य मदों में खर्च क्यों कर दिया ?
- नेशनल क्राइम रिकोर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक दलित उत्पीडन की देश में औसतन 30 हज़ार घटनाएँ हर साल होती हैं जिसमें उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है ! उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के अनुसार वर्ष 2007 में 6768 ,2008 में 8074 ,2009 में 7541 और 2010 में 7062 मामले दलित उत्पीडन के और 2007 में 319 ,2008 में 255 ,2009 में 265 और 2010 में 235 हत्या के मामले दर्ज हुए, दलित मुखिया के होने के बावजूद ऐसा क्यों हुआ ?
- सरकारी विद्यालय जिनमें अधिकांश दलित छात्र पढते हैं में पांच पंखे व् पांच टियूबलाइट लगाने हेतु पैसा आवंटन के बावजूद क्यों नहीं लगाये गए ?
- असंगठित मजदूर सामाजिक सुरक्षा अधिनियम , 2008 के अंतर्गत पंजीकरण की प्रक्रिया क्यों नहीं शुरू की गई ?
आपने समाज के साथ धोका किया है !
शांत प्रकाशराष्ट्रीय प्रशिक्षण सह प्रभारी भाजपा (अनुसूचित जाति मोर्चा)
Shant Prakash
98719 52799
*आदरणीय भारत वासियों,*
ReplyDeleteसप्रेम ओम! आजादी के बाद भारत
वर्ष मे सबसे ज्यादा शोषण, अन्याय, अत्याचार अगर किसी वर्ग के साथ हुआ है तो वह
हमारा अन्न दाता किसान है| भ्रष्ट सत्ता तन्त्र तथा बड़े औधोगिक समूहों ने
खुलेआम हजारो किसानो का क़त्ल गोली मारकर करवाया है, औधोगिक समूहों ने आपार धन
राशी इन भ्रष्ट सत्ता तंत्र को भूमि अधिग्रहण के लिए अवैध रूप मे दी जिसका
नतीजा आज देश का किसान व्यथित दुखी क्रंदिंत आत्महत्या कर रहा है| मगर क्या कृषक यूही मरते रहेंगे...
जीवन ख़तम खुद के करते रहेंगे...
ये हालात अच्छे नही इनको रोको...
समझ को ज़रा कर्म अग्नि मे झोंको...
नहीं तो यूँ सजती रहेंगी ये क़ब्रें...
ch.sanjeev tyagi (kutabpur waley)
33,gazawali roorkee road
muzaffar nagar
09760637861.09457392445,08802222211
बदल जाएँगी सारी कल की यूँ खबरें...
कहेंगे की शेरो को चाहे भुला दो...
कृषक कुछ बचे हैं, उन्हे ही बचा लो....