Thursday, January 12, 2012

चुनाव आयोग कहीं बसपा का चुनाव प्रचार तो नहीं कर रहा ?


उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव आठ फ़रवरी 2012  को प्रारंभ हो रहे है चुनाव आचार संहिता लगाई जा चुकी है ! चुनाव आयोग नें बसपा शासन में बने पार्कों में लगी हाथी व् मुख्यमंत्री की मूर्तियाँ ढकने का फैसला किया है ! तर्क यह दिया गया की हाथी बसपा का चुनाव चिन्ह है अत: इन मूर्तियों के कारण से चुनाव प्रभावित होगा ! बगैर ढके शायद चुनाव इतना प्रभावित न होता जितना चुनाव आयोग के इस फैसले से सहानुभूति पूर्वक बड़ी संख्या में लोग एकजुट हो कर प्रभावित करने का काम करेंगे !

इस प्रकार का फैसला लेने से पहले क्या अन्य दलों के चुनाव चिन्ह और उनको ढकने के बारे में कोई ठोस रणनीति चुनाव आयोग नें बनाई थी क्योंकि सपा का चुनाव चिन्ह साईकिल को अभी नहीं ढका गया है न ही कांग्रेस के चुनाव चिन्ह हाथ को दस्ताने पहनाये गए हैं, न ही भाजपा का चुनाव चिन्ह कमल का फूल मंदिरों व् बड़े भवनों में ढका गया है, हेंडपंप क्यूँ नहीं ढके गए !  क्या चुनाव आयोग अन्य उम्मीदवारों को आवंटित चुनाव चिन्ह जैसे लालटेन, हवाई जहाज, हेलिकोप्टर, रेलइंजन, रिक्शा, बस, कार, पेन, झोंपड़ी, सिलेंडर, गुडिया, स्टोव, बर्नर, कुकर आदि भी ढकने का निर्देश दे रहा है ?  यदि नहीं, तो केवल एक ही दल के साथ यह व्यवहार समाज में उस दल के प्रति साहनुभूति पैदा करने का कार्य कर रहा है जो सचमुच चुनाव को प्रभावित करेगा यह दुर्भाग्यपूर्ण है !     

शान्त प्रकाश 
राष्ट्रिय प्रशिक्षण सहप्रभारी 
भाजपा (अनुसूचित जाति मोर्चा)













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