Thursday, December 03, 2015

डॉ अम्बेडकर के दीक्षा स्थल नागपुर पर हिन्दू धर्म विरोधी प्रतिज्ञाओं का अवैध शिलापट हटाने के सन्दर्भ में शिकायत पत्र.



प्रतिष्ठा में,                                            दिनांक – 3 दिसम्बर 2015

आदरणीय श्री नरेंद्र दामोदर मोदी जी
माननीय प्रधानमन्त्री, भारत सरकार,
प्रधानमन्त्री कार्यालय, साउथ ब्लाक, नई दिल्ली – 110011

विषय – डॉ अम्बेडकर के दीक्षा स्थल नागपुर पर हिन्दू धर्म विरोधी प्रतिज्ञाओं का अवैध शिलापट हटाने के सन्दर्भ में शिकायत पत्र.

मान्यवर,

14 अक्टूबर 1956 को नागपुर में डॉ भीम राव अम्बेडकर जी ने खुद और अपने समर्थकों के साथ एक औपचारिक सार्वजनिक समारोह का आयोजन किया जिसमें एक बौद्ध भिक्षु से पारंपरिक तरीके से त्रिरत्न “बुद्धं, धम्म, संघं” और पंचशील 1. हत्या न करना 2. चोरी न करना 3. व्यभिचार न करना 4. असत्य न बोलना 5. मद्धपान न करना, को अपनाते हुये बौद्ध धर्म ग्रहण किया. 4 एकड़ में फैले दीक्षा स्थल पर भव्य स्तूप का उद्घाटन 18 दिसम्बर 2001 को तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम के. आर. नारायणन जी द्वारा किया गया.

वर्ष 2012 में दीक्षा स्थल के प्रांगण में एक शिलापट लगाया गया है जिसपर 22 प्रतिज्ञाएँ लिखी हैं जिन्हें डॉ अम्बेडकर द्वारा ली गई प्रतिज्ञाएँ बताया गया है जो निम्नानुसार हैं –

1.    मैं ब्रह्मा, विष्णु और महेश में कोई विश्वास नहीं करूँगा और न ही मैं उनकी पूजा करूँगा.
2.    मैं राम और कृष्ण जो भगवान के अवतार माने जाते हैं में कोई आस्था नहीं रखूँगा और न ही मैं उनकी पूजा करूँगा.
3.    मैं गौरी, गणपति और हिन्दुओं के अन्य देवी-देवताओं में आस्था नहीं रखूँगा और न ही मैं उनकी पूजा करूँगा.
4.    मैं भगवान के अवतार में विश्वास नहीं करता हूँ.
5.    मैं यह नहीं मानता और न कभी मानूंगा कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार थे मैं इसे पागलपन और झूठा प्रचार-प्रसार मानता हूँ.
6.    मैं श्रद्धा (श्राद्ध) में भाग नहीं लूँगा और न ही पिंड-दान दूँगा.
7.    मैं बुद्ध के सिद्धांतों और उपदेशों का उल्लंघन करने वाले तरीके से कार्य नहीं करूँगा.
8.    मैं ब्राह्मणों द्वारा निष्पादित होने वाले किसी भी समारोह को स्वीकार नहीं करूँगा.
9.    मैं मनुष्य की समानता में विश्वास करता हूँ.

10.  मैं समानता स्थापित करने का प्रयास करूँगा.

11.  मैं बुद्ध के आष्टांगिक मार्ग का अनुसरण करूँगा.

12.  मैं बुद्ध द्वारा निर्धारित परिमितों का पालन करूँगा.

13.  मैं सभी जीवित प्राणियों के प्रति दया और प्यार भरी दयालुता रखूँगा तथा उनकी रक्षा करूँगा.

14.  मैं चोरी नहीं करूँगा.

15.  मैं झूठ नहीं बोलूँगा.

16.  मैं कामुक पापों को नहीं करूँगा.

17.  मैं शराब, ड्रग्स जैसे मादक पदार्थों का सेवन नहीं करूँगा.

18.  मैं महान आष्टांगिक मार्ग के पालन का प्रयास करूँगा एवं सहानुभूति और प्यार भरी दयालुता का दैनिक जीवन में अभ्यास करूँगा.

19.  मैं हिंदू धर्म का त्याग करता हूँ जो मानवता के लिए हानिकारक है और उन्नति और मानवता के विकास में बाधक है क्योंकि यह असमानता पर आधारित है और स्व-धर्मं के रूप में बौद्ध धर्म को अपनाता हूँ.

20.  मैं दृढ़ता के साथ यह विश्वास करता हूँ की बुद्ध का धम्म ही सच्चा धर्म है.

21.  मुझे विश्वास है कि मैं फिर से जन्म ले रहा हूँ (इस धर्म परिवर्तन के द्वारा).

22.  मैं गंभीरता एवं दृढ़ता के साथ घोषित करता हूँ कि मैं इसके (धर्म परिवर्तन के) बाद अपने जीवन का बुद्ध के सिद्धांतों व शिक्षाओं एवं उनके धम्म के अनुसार मार्गदर्शन करूँगा.

अपने धर्म का प्रचार करना व्यवाहरिक है परन्तु किसी अन्य ध्रर्म का अपमान करना न केवल अव्यवहारिक बल्कि असंवैधानिक है. वैसे भी उक्त प्रतिज्ञाओं के सन्दर्भ में डॉ अम्बेडकर द्वारा लिखित कोई भी प्रमाणिक पुस्तक या दस्तावेज उपलब्ध नहीं है, जिससे प्रतीत होता है की यह किसी षड्यंत्र के तहत सिर्फ हिन्दू धर्म को दुनिया में बदनाम करने के आशय से उक्त शिलापट लगाया गया है.

डॉ अम्बेडकर दीक्षा स्थल बुद्ध धर्म का प्रचार व् शोध केंद्र भी है इसलिए सम्पूर्ण विश्व से लाखों श्रद्धालु, सैलानी, छात्र व् शोधकर्ता इस स्थान पर पूजा, पर्यटन व् अध्यन के लिए आते हैं जो इस शिलापट पर लिखी प्रतिज्ञाओं को पढकर हिन्दू धर्म के प्रति दुर्भावना मन में बना कर साथ ले जाते हैं. अचरज का विषय है की इस दीक्षा स्थल का रख रखाव सरकार द्वारा किया जाता है और उसकी आँखों के सामने हिन्दू धर्म के खिलाफ दुष्प्रचार हो रहा है.

जिससे मेरे सहित तमाम हिन्दुओं की भावनाओं को कष्ट पहुँचता है.

मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है की जिन्होंने इसको लगाया उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को भड़काने के षड्यंत्र के आरोप में सख्त से सख्त कार्यवाही की जानी सुनिश्चित करे और हिन्दुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उक्त शिलापट को तुरंत हटाये जाने के लिए निर्देशित करें.

भवदीय



शान्त प्रकाश जाटव

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