Saturday, December 16, 2017

भाजपा नेता शांत प्रकाश जाटव ने चमार रेजीमेंट की भारतीय सेना में पुन: बहाली की मांग दोहराई, चमार रेजीमेंट के सैनिकों को स्वतंत्रता सेनानी के दर्जे की मांग


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भाजपा नेता शांत प्रकाश जाटव ने चमार रेजीमेंट की भारतीय सेना में पुन: बहाली की मांग दोहराई, चमार रेजीमेंट के सैनिकों को स्वतंत्रता सेनानी के दर्जे की मांग


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 December 4, 2017 


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चमार रेजीमेंट के सैनिक चुन्नीलाल को पगड़ी बांधकर सम्मानित करते भाजपा नेता शांत प्रकाश जाटव


नई दिल्ली. 04 दिसंबर. अखिल भारतीय हिंदू जाटव महासभा के अध्यक्ष तथा भारतीय जनता पार्टी के नेता शांत प्रकाश जाटव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर वीर चमार रेजीमेंट की भारतीय सेना में पुर्नस्थापना किये जाने तथा चमार रेजीमेंट के शहीद सैनिकों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिये जाने की मांग दोहराई है.


प्रधानमंत्री के नाम लिखे पत्र की प्रतिलिपि


जाटव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में लिखा है, कि चमार रेजीमेंट ने 1942 में अंग्रेजों के खिलाफ बगावत कर सुभाषचंद्र बोस के साथ आईएनए में शामिल होकर, अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध करते हुए उनके दांत खट्टे कर दिए थे. जिसके परिणामस्वरुप देश में विद्रोह की लहर उठी और अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा. उसी दौरान अंग्रेजों ने सुभाषचंद्र बोस को वॉर क्रिमिनल घोषित किया और चमार रेजीमेंट पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसकी भारतीय सेना में पुन: बहाली हेतु वह मांग कर रहे हैं. विदित हो कि श्री जाटव ने इसी मुद्दे को लेकर बीते 17 अक्टूबर 2015 को महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री, केन्द्रीय गृहमंत्री, केन्द्रीय रक्षामन्त्री तथा अन्य विभागों को पत्र लिखे थे, जिसके बाद तत्कालीन केन्द्रीय रक्षामन्त्री मनोहर पर्रिकर ने उचित कार्यवाही का आश्वासन भी दिया था. इसी मामले को लेकर केन्द्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने मार्च 2017 में रक्षा सचिव को तथा नवम्बर 2017 को अनुसूचित जाति आयोग, पंजाब सरकार ने भी केंद्र सरकार को पत्र लिखकर चमार रेजीमेंट को बहाल करने की मांग की है. यह भी पढ़ें : भाजपा नेता शांत प्रकाश जाटव का मायावती के बयान पर तीखा हमला, लगाए गंभीर आरोप  भाजपा नेता शांत प्रकाश जाटव ने प्रधानमंत्री को यह स्मरण पत्र लिखकर याद दिलाते हुए कहा है, कि आजादी की लड़ाई में चमार रेजीमेंट के अभूतपूर्व योगदान के इतिहास को ध्यान में रखते हुए आपसे आग्रह है, कि वीर चमार रेजीमेंट की भारतीय सेना में पुन: बहाली की जाये. साथ ही  चमार रेजीमेंट के ऐसे सैनिक जो अंग्रेजों से युद्ध के दौरान शहीद हुए या जिन्हें अंग्रेजों ने बागी घोषित कर 1943 में जेलों में यातनाएं दीं थीं, ऐसे सभी सैनिकों को राज्य सैनिक बोर्डों द्वारा सूचीबद्ध कराकर स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिया जाये. 
इसके अलावा चमार रेजीमेंट के अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष के गौरवशाली इतिहास को सम्मान देने हेतु राजधानी दिल्ली सहित, सभी प्रदेशों की राजधानियों व सभी जिलों में शौर्य स्तम्भ स्थापित कराये जाने की भी मांग की है, ताकि समाज चमार जाति के गौरवशाली इतिहास को समझ सके. साथ ही श्री जाटव ने  चमार रेजीमेंट की वीरता की कथाएं पाठ्य पुस्तकों में शामिल किये जाने का भी अनुरोध किया है. श्री जाटव ने पत्र में लिखा है, कि चमार रेजीमेंट के इन वीर सैनिकों की वीरता और शहादत की कहानियां समाज को उनके पूर्वजों शौर्यगाथा से अवगत करायेंगी और मौजूदा पीढ़ी को पता चलेगा कि उनके समाज का कैसा गौरवशाली इतिहास रहा है.


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