Sunday, July 05, 2009

मूर्तियों के कारण जातीय उन्माद भड़क सकता है केन्द्र सरकार समय रहते ठोस कदम उठाये

बहुजन समाज पार्टी का जब निर्माण हुआ तब अनुसूचित जाति समाज ने बाकी दलों को छोड़ कर अपना एक संगठन बनानें का मन बनाया ताकि अपने लिए कुछ स्वयं तय कर पाएंगे और लगे एक इतिहास रचने जिसमें सफल भी हुए।
परन्तु इस प्रकार की बुत परस्ती आने वाले समय में इस समाज के लिए बहुत बड़ी मुसीबत पैदा करेगी। कारण दूसरी जाति का समाज इस प्रकार की हरकतों से दुखी होगा और भाव आवेश में जातीय उन्माद फैलाने में नहीं चुकेगा।
इस लिए केंद्र सरकार तुंरत आने वाली मुसीबत जो इन मूर्तियों के साथ दुर्भावना के कारण आ सकती है उसकी आहट को समझ कर कारगर कदम उठाएं।

मायावती सरकार द्वारा सार्वजनिक धन का गतल इस्तेमाल कर पार्क और स्मारक निर्माण तथा जीते जी अपनी प्रतिमाएं लगवाए जाने के विरोध में समाजवादी पार्टी शुक्रवार को पूरे प्रदेश में शोक दिवस मना रही है।

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