Wednesday, June 05, 2024

जाटव भाजपा को वोट नहीं करता है - कल्याण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश



दिनांक 11 जनवरी 2014 को मैं माननीय कल्याण सिंह जी से हाथरस (आरक्षित) लोकसभा से अपने लिए टिकट मांगने उनकी कालिदास मार्ग लखनऊ कोठी पर पहुंचा।


मैंने हाथरस लोकसभा से चुनाव लड़ने के लिए उनसे आशीर्वाद मांगा क्योंकि वे पूर्व मुख्यमंत्री व पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी थे, उत्तर प्रदेश की सीटों पर उनसे परामर्श कर ही पार्टी टिकट देती थी लिहाजा उनसे टिकट के लिए चर्चा करना नैतिकता थी। इस संबंध में उन्होंने मुझसे कहा कि हम हाथरस लोकसभा से जाटव को टिकट नहीं दे रहे हैंं। मैंने उनसे इसका कारण पूछा तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि जाटव भाजपा को वोट नहीं देता है इसलिए पार्टी जाटव को टिकट नहीं दे रही है। फिर मैंने उनसे कहा मेरे लिए कोई निर्देश, उन्होंने मुुझे आदरणीय श्री राजनाथ सिंह जी से मिलने की सलाह दी। उनका अभिनंदन कर मैं वापस अपने निवास गाजियाबाद लौट आया। 


“उत्तर प्रदेश की लगभग 22 करोड़ आबादी का 21% अनुसूचित जाति वर्ग है जो कि लगभग साढ़े चार करोड़ है जिसमें जाटव, चमार और धूसिया की आबादी लगभग 3 करोड़ है जो सीधे तौर पर किसी भी पार्टी के लिए चुनाव में निर्णायक हो सकती है।"


कुछ दिन बाद मैं पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय राजनाथ सिंह जी व पार्टी के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों से मिला व उनके ध्यान में इस विषय को लाया कि आरक्षित हाथरस सीट से जाटव को टिकट नहीं दिया जा रहा जैसा कि माननीय श्रीमान कल्याण सिंह जी द्वारा कहा गया था। साथ ही मैने उनसे आग्रह किया कि यदि जाटव भाजपा को वोट नहीं देता है तो क्यों न हम जाटव समाज के बीच नेतृत्व खड़ा करें ? 


तब से अब तक पिछले दस वर्षों में उत्तर प्रदेश के जाटवों को साधने हेतु पार्टी के केंद्रीय व राज्य नेतृत्व द्वारा चुनाव के दौरान केवल जातीय सम्मेलन का आयोजन किया जाता है इतनी बड़ी तादात का महज इक्का दुक्का जातीय सम्मेलन जिसमें अधिकांश भाजपा कार्यकर्ता व कुछ महत्वाकांक्षी चेहरे ही दिखते हैं और समाज की उपस्थिति नगण्य रहती है अतः इस प्रकार के कार्यक्रमों से इतने बड़े समाज का नेतृत्व कतई संभव नहीं है।


2024 लोकसभा चुनाव के परिणाम देखकर मुझे एहसास हुआ की बहुजन समाज पार्टी से जुड़ा जाटव कांग्रेस व समाजवादी पार्टी के पक्ष में केवल एक अफवाह के चलते कि "संविधान खतरे में है" के कारण छिटक गया जो यह जताता है कि जाटव को साधने में चूक हुई है जिसका खामियाजा 2024 के उत्तर प्रदेश लोकसभा सीटों के चुनाव परिणाम पर स्पष्ट दिखाई दिया है।

शांत प्रकाश जाटव 

पूर्व राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्रभारी, अनुसूचित जाति मोर्चा 

भारतीय जनता पार्टी 

दिनांक 5 जून 2024




Thursday, May 09, 2024

Shant Prakash Jatav at Arunachal Pradesh