खुद को 5000 साल से दलित शोषित पीड़ित वंचित कहने वाले जाटव 1932 तक यादव या राजपूत थे।
श्री यादव जाटव राजपूत कष्ट निवारक सभा लोटी सफियाबाद के नेताओं की मांग पर 14 जुलाई 1932 को यू. पी. कौंसिल ने उनको निम्नलिखित आदेशानुसार जाटव तय किया
"14 जुलाई सन 1932 ईस्वी नम्बरी C.B. 5523-5568 बनाम कलक्टर साहब बुलंदशहर मिस्टर H.C बालटन साहब बहादुर C.S.I.I.C.S. 1-252 B जूनियर मैम्बर तहरीर फरमाते हैं कि कौन्सिल के प्रश्न नम्बर 65-66-67 उत्तर सहित भेजे जाते हैं और लिखा जाता है कि यू.पी. प्रान्त के तमाम जिलों के कलक्टर महोदयों को जाटव नाम लिखने की सूचना दी है कि इनको जाटव नाम से लिखें"
श्री यादव जाटव राजपूत कष्ट निवारक सभा लोटी सफियाबाद द्वारा जारी बिरादरी सर्टिफिकेट
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