Thursday, June 16, 2016

अछूत ब्राह्मण या वेदों नें नहीं अंग्रेजों नें बनाया

अछूत कौन ? डॉ अम्बेडकर नें अपनी पुस्तक "who were the shudras" अनुवादित संकलन 'अछूत कौन और कैसे' के पृष्ठ 67 पर स्पष्ट किया है की हिन्दुओं को बाँटने की यह अंग्रेजों की योजना थी. 1871 में भारत में सर्वप्रथम जनगणना हुई तदुपरांत 1881, 1891 व् 1901 तक जनगणना धर्माधारित होती रही जिसमें 1. हिन्दू 2. मुस्लिम 3. ईसाई की जनसँख्या के अतिरिक्त कुछ नहीं किया गया. 1901 की जनगणना के अनुसार मुस्लिमों की जनसँख्या लगभग 6 करोड़ 20 लाख थी. 1911 की जनगणना में हिन्दुओं को बाँटने के आशय से हिन्दुओं को तीन भागों में बांटा गया

1. हिन्दू 
2. प्रकृति पूजक आदिवासी 
3. अछूत 

यहाँ अछूत कौन होगा उसके लिए 10 मापदंड जनसँख्या आयुक्त द्वारा तय किये गए, मापदंड निम्नानुसार थे 

1. जो ब्राह्मणों की प्रधानता नहीं मानते 
2. जो किसी ब्राह्मण अथवा अन्य किसी माने हुए हिन्दू गुरु से मंत्र नहीं लेते 
3. जो वेदों को प्रमाण नहीं मानते 
4. जो हिन्दू देवी देवताओं को नहीं पूजते 
5. जिनका अच्छे ब्राह्मण संस्कार नहीं करते 
6. जो कोई ब्राह्मण पुरोहित नहीं रखते 
7. जो हिन्दू मंदिर के भीतर नहीं जा सकते 
8. जो स्पृश्य नहीं हैं अथवा निर्धारित सीमा के भीतर आ जाने से अपवित्रता का कारण होते हैं 
9. जो अपने मुर्दों को गाढ़ते हैं
10. जो गोमांस खाते हैं और गौ का किसी प्रकार से आदर नहीं करते   

इस आधार पर 1911 की जनगणना द्वारा हिन्दुओं को अंग्रेज हुकुमत नें वर्गीकृत कर अछूतों का निर्माण किया जिन्हें अछूत, दलित, डिप्रेस्ड आदि कहा गया.
  

No comments:

Post a Comment