Monday, December 04, 2017

अंग्रेजों द्वारा प्रतिबंधित वीर चमार रेजिमेंट की भारतीय सेना में पुन: स्थापना व् सैनिकों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिया जाये  

शान्त प्रकाश जाटव       
भारतीय जनता पार्टी
पूर्व राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्रभारी
अनुसूचित जाति मोर्चा

279, ज्ञान खंड 1, इंदिरा पुरम, गाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश 9871952799

प्रतिष्ठा में,                                              
आदरणीय श्री नरेंद्र दामोदर मोदी जी
माननीय प्रधानमन्त्री, भारत सरकार,
प्रधानमन्त्री कार्यालय, साउथ ब्लाक, नई दिल्ली – 110011

विषय: अंग्रेजों द्वारा प्रतिबंधित वीर चमार रेजिमेंट की भारतीय सेना में पुन: स्थापना व् सैनिकों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिया जाये  

मान्यवर,

वीर चमार रेजिमेंट जिसने 1942 में अंग्रेजों के खिलाफ बगावत कर सुभाषचंद्र बोस के साथ आई एन ए में शामिल हो, अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध कर उनके दांत खट्टे कर दिए परिणाम स्वरुप देश में विद्रोह की लहर उठी और अंग्रेजों को भारत छोड़ने का कदम उठाना पड़ा उसी दौरान अंग्रेजों ने सुभाषचंद्र बोस को वॉर क्रिमिनल घोषित किया और चमार रेजिमेंट पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसकी भारतीय सेना में पुन: बहाली हेतु हम वर्षों से मांग कर रहे हैं 17 अक्टूबर 2015 को मैंने महामहिम राष्ट्रपति, माननीय प्रधानमन्त्री, केन्द्रीय गृहमंत्री, केन्द्रीय रक्षामन्त्री व् अन्य विभागों को पत्र लिखे थे. तदुपरांत केन्द्रीय रक्षामन्त्री द्वारा कार्यवाही हेतु आश्वासन मिला, केन्द्रीय अनुसूचित जाति आयोग नें मार्च 2017 रक्षा सचिव को पत्र लिखा व् नवम्बर 2017 को अनुसूचित जाति आयोग, पंजाब सरकार नें भी केंद्र सरकार को पत्र लिखा. आजादी की लड़ाई में चमार रेजिमेंट के अभूतपूर्व योगदान के इतिहास को ध्यान में रखते हुए आपसे पुन: विनम्र आग्रह है की

1.     वीर चमार रेजिमेंट की शीघ्र अति शीघ्र भारतीय सेना में पुन: बहाली की जाये.

2.     चमार रेजिमेंट के सेनिकों जो अंग्रेजों से युद्ध के दौरान शहीद हुए या जिनको अंग्रेजों नें बागी घोषित कर 1943 में जेलों में बंद कर यातनाएं दीं को सभी राज्य सैनिक बोर्डों द्वारा सूचीबद्ध कराकर स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिया जाये.

3.     चमार रेजिमेंट के अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष के गौरवशाली इतिहास को सम्मान देने हेतु राजधानी दिल्ली सहित, सभी प्रदेशों की राजधानियों व् समस्त जिलों में शोर्य स्तम्भ स्थापित कराये जाएँ ताकि समाज चमार जाति के गौरवशाली इतिहास को जानें उनके देशभक्ति के जज्बे को समझे और फख्र करे.

4.     चमार रेजिमेंट की वीरता की कथाएं पाठ्य पुस्तकों में शामिल की जाये.

सादर

भवदीय

(शान्त प्रकाश जाटव)

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