Saturday, September 28, 2013

अध्यादेश पर पहले थे राजी भाजपा के दबाव में राहुल नें पलट दी बाज़ी,


भारतीय जनता पार्टी ने दागी और सजायाफ्ता सासंदों को ढाल प्रदान करने वाला अध्यादेश लाए जाने का विरोध किया। 

यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को निष्प्रभावी बनाता है, जिसमें सांसदों व विधायकों के किसी आपराधिक मामले में दो या इससे अधिक अवधि की सजा सुनाए जाने पर उन्हें अयोग्य ठहराए जाने की बात कही गई थी। इसके बाद सरकार ने संसद में इस बाबत विधेयक पेश कर किया था, मगर उसे पारित नहीं कराया जा सका था।

ऎसे में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को निष्प्रभावी करने के लिए मंगलवार को अध्यादेश का रास्ता अपनाया।

लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने टि्वटर पर लिखा, केंद्रीय कैबिनेट ने दोषी सांसदों पर अध्यादेश को स्वीकृति दे दी है। हम इसका विरोध करते हैं। हम राष्ट्रपति से अनुरोध करते हैं कि वह इस पर हस्ताक्षर न करें।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने टि्वटर पर लिखा, विपक्ष की नेता की सलाह हास्यास्पद है।

भाजपा के मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, इस सरकार को न संसद की चिंता है न कानून की। इस सरकार को तो अध्यादेश की सरकार कहना चाहिए। यह हडबडी में चौतरफा गडबडी कर रहे हैं। लोगों में अपराधी नेताओं के खिलाफ नाराजगी है।

भाजपा के यशवंत सिन्हा ने कहा, मैं ना सिर्फ इस ऑर्डिनेंस के खिलाफ हूं बल्कि इस कानून के भी खिलाफ हूं।

कांग्रेस प्रवक्ता पीसी चाको ने कहा, सभी राजनीतिक दल हमारे साथ थे। हम चाहते थे कि पिछले सत्र में लेकर आएं लेकिन किसी कारणवश नहीं ला पाए, इसीलिए हम ऑर्डिनेंस ला रहे हैं।
सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा, सही अध्यादेश लाया गया है, कोई कमी नहीं है इस अध्यादेश में। पूरा देश सपोर्ट करता है इसे। 

भारतीय जनता पार्टी ने दागी और सजायाफ्ता सासंदों को ढाल प्रदान करने वाला अध्यादेश लाए जाने का विरोध किया। 

यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को निष्प्रभावी बनाता है, जिसमें सांसदों व विधायकों के किसी आपराधिक मामले में दो या इससे अधिक अवधि की सजा सुनाए जाने पर उन्हें अयोग्य ठहराए जाने की बात कही गई थी। इसके बाद सरकार ने संसद में इस बाबत विधेयक पेश कर किया था, मगर उसे पारित नहीं कराया जा सका था।

ऎसे में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को निष्प्रभावी करने के लिए मंगलवार को अध्यादेश का रास्ता अपनाया।

लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने टि्वटर पर लिखा, केंद्रीय कैबिनेट ने दोषी सांसदों पर अध्यादेश को स्वीकृति दे दी है। हम इसका विरोध करते हैं। हम राष्ट्रपति से अनुरोध करते हैं कि वह इस पर हस्ताक्षर न करें।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने टि्वटर पर लिखा, विपक्ष की नेता की सलाह हास्यास्पद है।

भाजपा के मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, इस सरकार को न संसद की चिंता है न कानून की। इस सरकार को तो अध्यादेश की सरकार कहना चाहिए। यह हडबडी में चौतरफा गडबडी कर रहे हैं। लोगों में अपराधी नेताओं के खिलाफ नाराजगी है।

भाजपा के यशवंत सिन्हा ने कहा, मैं ना सिर्फ इस ऑर्डिनेंस के खिलाफ हूं बल्कि इस कानून के भी खिलाफ हूं।

कांग्रेस प्रवक्ता पीसी चाको ने कहा, सभी राजनीतिक दल हमारे साथ थे। हम चाहते थे कि पिछले सत्र में लेकर आएं लेकिन किसी कारणवश नहीं ला पाए, इसीलिए हम ऑर्डिनेंस ला रहे हैं।

सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा, सही अध्यादेश लाया गया है, कोई कमी नहीं है इस अध्यादेश में। पूरा देश सपोर्ट करता है इसे।

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