मेरा श्रीनगर प्रवास
मैं आज दिनांक 29 जुलाई 2016 विमान से 7.10 प्रातः श्रीनगर पहुँचा, एस्कलेटर से उतरते ही मेरी वेशभूषा देखकर इंटेलिजेंस के अधिकारी नें पूछा आप पॉलिटिशियन हैं मैंने बताया हाँ मैं पॉलिटिशियन हूँ पर साथ ही व्यापारी भी हूँ और सचिवालय एक मीटिंग में आया हूँ, लिहाज़ा मुझे उन्होंने जाने दिया।
प्राइवेट टैक्सी पूरा दिन के लिए मैंने ₹2500 में बुक की और अपने कश्मीरी मित्र मेहरज़ दीन जिन्हें मेरे साथी डॉ यश भारद्वाज 'जाटव' जी ने फ़ोन पर मेरा कार्यक्रम सूचित कर सहयोग करने के लिए आग्रह किया था उनके साथ 22 दिन से कर्फ्यू से जूझ रहे श्रीनगर की सूनसान सड़कों पर चप्पे चप्पे पर तैनात सुरक्षाबल के बीच दौड़ती गाड़ी में सचिवालय जाते हुए श्रीनगर निहारना शुरू किया।
जगह जगह सड़क पर पड़े पत्थर पिछली रात की कहानी बयां कर रहे थे। मैंने मेरे वाहन चालक भाई कय्यूम आलम से कुछ प्रश्न किये
प्रश्न - क्या आप कश्मीर को भारत से अलग करना चाहते हो ?
जवाब - ख्वाब में भी नहीं
प्रश्न - क्यों ?
जवाब - हम कश्मीरी भारतीय हैं और 95% भारतीय सैलानी ही यहां घूमनें आते हैं यदि कश्मीर भारत से अलग होता है तो यह पक्का है की भारतीय तो छोड़ो अन्य देश भी यहां घूमनें नहीं आएंगे।
मैंने पूछा आप पत्थर फैंकने की घटनाओं का समर्थन करते हैं ?
अब दोनों यानि मेहरज़ भी बोले 'नहीं' पर साथ ही पैलेट गन का भी विरोध किया।
मैंने कहा आप पत्थर फैंकने से बच्चों को मना करो तो कोई पैलेट गन का इस्तेमाल क्यों करेगा ?
तब उन्होंने कहा कि हमारे समझाने से नहीं बल्कि युवाओं को जोड़कर उनसे बातचीत से समाधान निकलेगा।
मैंने पूछा सितम्बर 2014 में जब बाढ़ आई थी तब आपको जो नुकसान हुआ उसका मुआवजा आपको मिला ?
उन्होंने मोदी जी को धन्यवाद दिया और कहा कि समय पर तीन किश्तें मिल चुकी हैं हमारा घर जो बिलकुल खत्म हो गया था वो बन चुका है।
मैं सचिवालय पहुँच चुका था, मीटिंग के बाद जुम्मे की नमाज़ से पहले मुझे एयरपोर्ट पहुँचने की सबने हिदायत दी क्योंकि नमाज़ बाद भीड़ का लाभ लेकर शरारती तत्व पत्थर फेंकने की घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं।
मेरी वापसी की फ्लाइट शाम 6.45 पर थी इस दौरान तमाम कश्मीरवासियों से मेरी अनोपचारिक बातचीत हुई जिसमें उपरोक्त प्रश्न मैंने तमाम नागरिकों से किये। जिसमें सबके जवाब लगभग एक जैसे थे।
मैं विमान में बैठ चुका हूँ विमान लगभग 70 % खाली है आने वाले दिनों में यह फिर 100% भरेगा क्योंकि हमारा कश्मीर कहीं नहीं जा रहा वो हमारे साथ है वहां का राष्ट्रवादी आवाम् भारत के साथ है।
जय हिंद
बादलों से आपका
शान्त प्रकाश जाटव
No comments:
Post a Comment