Friday, February 01, 2019

चुनावी सफलता के लिए नहीं, लोकसभा सीटों की बेहतर खरीद-फरोख्त के लिए हुआ सपा-बसपा गठबंधन- शांत प्रकाश जाटव

गाजियाबाद. 30 जनवरी. उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए सपा और बसपा के बीच हुए गठबंधन पर हमला बोलते हुए भाजपा नेता शांत प्रकाश जाटव ने कहा है, कि यह गठबंधन मौजूदा मोदी युग की राजनीति में अपनी प्रासंगिकता बचाए भर रखने के लिए की कवायद है. जाटव ने कहा कि मायावती ने समाजवादी पार्टी के साथ यह अवसरवादी गठबंधन करके साबित कर दिया कि उन्हें ना तो दलित समाज से कोई सरोकार है और ना ही किसी भी तरह की विचारधारा से कोई लेना-देना है. उनका मकसद किसी भी तरह से सत्ता में बने रहना भर है. शांत प्रकाश ने कहा कि हालांकि वह कांशीराम की विचारधार के कभी भी समर्थक नहीं रहे, लेकिन मायावती जो उस विचारधारा की समर्थक थीं, उन्होंने भी उसे तिलांजलि दे दी. यही नहीं जाटव ने गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए कहा कि देशभर में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों पर मनुवादियों द्वारा बीते 5 हजार सालों से किए जा रहे उत्पीड़न की झूठी कहानी के खिलाफ लड़ने की हुंकार भरने वाली मायावती ढाई दशक पहले हुए अपने ही उत्पीड़न के खिलाफ नहीं लड़ पाई और अपने उत्पीड़कों के सामने ही समर्पण कर दिया. भाजपा नेता ने कहा कि यह गठबंधन बसपा और सपा प्रमुख के मूल चरित्र को भी दिखाता है. जहां मायावती ने प्रमोशन में आरक्षण जैसे मुद्दे पर अनुसूचित समाज को छलने का काम किया, जिसके चलते एक लाख 28 हजार अनुसूचित जाति के सरकारी कर्मचारियों को अपने पद से डिमोशन का दंश झेलना पड़ा, वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी पिता, चाचा और पार्टी से लेकर अपने गुंडाराज से समाज को छलने का काम किया. जाटव ने सपा बसपा के गठबंधन को बेमेल गठबंधन करार देते हुए कहा कि बार-बार उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताने वाले गठबंधन के लोग यह बताने के लिए तैयार नहीं हैं, कि अगर सरकार की कोई उपलब्धि ही नहीं है तो वह किस लिए ऐसा बेमेल गठबंधन कर रहे हैं. भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश में योगी जी के नेतृत्व में चल रही जनहितकारी सरकारी योजनाओं के चलते बसपा और सपा दोनों को ही यह बखूबी मालूम हो चला है, कि उनकी जातिवादी और दंगाई राजनीति के दिन हवा हो चुके हैं. ऐसे में इस गठबंधन के जरिये दोनों ही दल अपनी-अपनी 38 सीटों के लिए बेहतर खरीददार जुटाने की कोशिश कर रहे हैं. चमार रेजीमेंट फोरम के बैनर तले चमार रेजीमेंट बहाली की लड़ाई लड़ रहे शांत प्रकाश जाटव ने कहा कि उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर का दलित और ओबीसी समाज आज पूरी तरह से भाजपा के साथ लामबंद है. और अब मायावती और अखिलेश यादव की जातिवादी राजनीति के लिए कहीं कोई जगह बाकी नहीं है.


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